ऐसी औषधियाँ जो बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देती है या उनकी वृद्धि को रोक देती हैं। वो औषधियाँ प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक कहलाती हैं।उदाहरण- स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन, एरिथ्रोमाइसिनसावधानियाँ:(i) हमें प्रतिजैविक दवाइयाँ डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए| इन दवाइयों का पूरा कोर्स करना चाहिए, अन्यथा अगली बार आवश्यकता पड़ने पर प्रतिजैविक दवाइयाँ उतनी असरदार नहीं होंगी|
(ii) एंटीबायोटिक दवाओं को केवल तभी लिया जाना चाहिए जब आवश्यक हो और सही खुराक में, अन्यथा, वे भविष्य के उपयोग के लिए कम प्रभावी हो जाते हैं।
(iii)अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक लेने से शरीर में लाभकारी बैक्टीरिया को मार सकता है।
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